वन गुजर परिवारों का पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना
Abstract
वन गुर्जर समुदाय राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में निवासरत एक पिछड़ा समुदाय है, जिन्हें वर्तमान में राष्ट्रीय उद्यान से पुनर्वासित कर नए क्षेत्र गैंडी खत्ता (हरिद्वार ) में पुनर्स्थापित किया गया है । वर्षों से वनों में रहने के कारण समुदाय की निर्भरता आज भी प्राकृतिक संसाधनों पर बनी हुई है। वर्तमान में पुनर्वासित क्षेत्र पर मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ समुदाय के विकास के लिए भी कार्य किया जा रहे हैं । वन गुर्जर समुदायअपनी आजीविका के लिए वर्तमान में भी संघर्षरत है, यदि इस समुदाय को विकास के मुख्य धारा से जोड़ना है तो उन्हें वन क्षेत्र से बाहर आधुनिक समाज से जुड़ना होगा। संरक्षित क्षेत्र में विविध प्रकार के जीव जंतु व पेड़ पौधे अवस्थित हैं उनका संरक्षण भी एक नैतिक जिम्मेदारी है और यदि संरक्षित क्षेत्रों पर किसी भी प्रकार की मानवीय गतिविधियां होती हैं तो उसका प्रभाव इन जीव जंतुओं व पेड़ पौधों पर सकारात्मक नहीं होता है ।