भारत के विभाजन में जिन्हा की भूमिका

Authors

  • संजीव कुमार Author

DOI:

https://doi.org/10.1366/h2dgd712

Abstract

भारत लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों के नियंत्रण में था।  आख़िरकार 15 अगस्त, 1947 को इसे आज़ादी मिल गई। देश की आज़ादी के लिए कई राष्ट्रवादी लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है।  ऐसे ही एक प्रमुख राष्ट्रवादी जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी, वह थे मोहम्मद अली जिन्ना।  ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान का निर्माण जिन्ना और नेहरू के बीच विवाद के कारण हुआ।  अक्सर यह कहा जाता है कि जिन्ना ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी।  शोध में शोधकर्ता ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि विभाजन का एकमात्र कारण जिन्ना थे या नहीं।  भारत को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन यह हमारे नेताओं द्वारा लिया गया कठोर निर्णय था।  यह कहना मुश्किल है कि हमें इस बात पर खुश होना चाहिए कि हमें आजादी मिली या हमें इस बात का दुख होना चाहिए कि हम पाकिस्तान के निर्माण के साथ इस अलग दिन पर अपने भाइयों से अलग हो गए।  जिन्ना मुस्लिम लीग के नेता थे।  वे शुरू से ही नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान बनाया जाए।  यह केवल कुछ परिस्थितियों के कारण था जिसके कारण उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा।  हम ऐसे कारणों से निपटेंगे जिनके कारण जिन्ना को अपनी विचारधारा बदलनी पड़ी और उन्हें अलग राज्य यानी पाकिस्तान की मांग करनी पड़ी।  हमेशा कहा जाता है कि ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती।  इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जिन्ना द्वारा विभाजन की मांग उनके एकमात्र लाभ के उद्देश्य यानी राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने के लिए थी या उनकी मांग के पीछे कुछ और था।  इसलिए, शोधकर्ता उन घटनाओं से सावधानीपूर्वक निपटेंगे जिनमें जिन्ना शामिल हैं और जिन्होंने भारत-पाकिस्तान के विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Published

2006-2024

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Articles

How to Cite

भारत के विभाजन में जिन्हा की भूमिका. (2024). Leadership, Education, Personality: An Interdisciplinary Journal, ISSN: 2524-6178, 19(2), 67-72. https://doi.org/10.1366/h2dgd712