भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण की भूमिका
DOI:
https://doi.org/10.1366/68806h86Abstract
भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल महिलाओं को अधिकार और समानता दिलाने में सहायक है, बल्कि देश के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी से नीति निर्माण में विविधता और समावेशिता आती है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के मुद्दों को प्रभावी रूप से संबोधित किया जा सकता है। संविधान में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं, जैसे कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण। पंचायती राज संस्थाओं में 33% आरक्षण महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी आवाज़ सुनी जा सके। इसके अतिरिक्त, सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'महिला शक्ति केंद्र', और 'उज्ज्वला योजना'। ये कार्यक्रम महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं, जिससे वे अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर बनती हैं। राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से न केवल लैंगिक असमानता कम होती है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति को भी सुदृढ़ करता है। निष्कर्षतः, भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण की भूमिका न केवल महिलाओं के अधिकारों और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के समग्र विकास और समृद्धि में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से एक संतुलित और समावेशी समाज का निर्माण होता है।



