ग्रामीण विकास एवं राजनीति: एक सांस्कृतिक परिदृश्य

Authors

  • डा0 जितेन्द्र बैठा Author

DOI:

https://doi.org/10.1366/d9rb5j61

Abstract

भारत की आत्मा गाँवों में बसती है, इसे हम सदियों से सुनते आ रहे हैं। भारतीय राजनीति में दखल रखने वाले राजनीतिज्ञों द्वारा भी ग्रामीण विकास को भारत के विकास की आधारशिला कहा जाता है। गाँवों के विकास के लिए कैसी और कितनी योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए, इसे लेकर भी स्वतंत्रता से पूर्व चिंतन बैठकों का दौर चलता रहा है। पंचायतों को शक्ति प्रदान कर गाँवों का विकास सुनिश्चित करने में सर्वप्रथम महात्मा गाँधी ने अपने विचार रखे। गाँवों तक योजनाओं को पहुँचाने एवं उसे उचित समय में क्रियान्वित कर ग्रामीणों को लाभान्वित करना वास्तव में एक गंभीर समस्या बनी हुई थी। 

Published

2006-2025

Issue

Section

Articles

How to Cite

ग्रामीण विकास एवं राजनीति: एक सांस्कृतिक परिदृश्य . (2025). Leadership, Education, Personality: An Interdisciplinary Journal, ISSN: 2524-6178, 18(11), 563-567. https://doi.org/10.1366/d9rb5j61