भारतीय समाज के युग प्रवर्तक पं. मदनमोहन मालवीय जीः अन्वेष्णात्मक विश्लेषण

Authors

  • डाॅ0 अन्शु शर्मा’, डाॅ0 ललित कुमार आर्य’’, एवं प्रो0 जे0एस0 भारद्वाज’’’ Author

DOI:

https://doi.org/10.1366/bgpdfw53

Abstract

प्रस्तुत शोध पत्र का उद्देश्य पं0 मदन मोहन मालवीय जी केप्रमुख विचारों का भारतीय समाज के पुनरूत्थान के पथ प्रदर्शन एवम् युग प्रवर्तक के रूप में उनके द्वारा किये गये क्रियाकलापों ने यह जानने का प्रयास किया है कि मालवीय जी की दार्शनिक, शैक्षिक, सामाजिक समरसता से ओत-प्रोत विचारधारा का समाज में प्रभाव किस प्रकार से एवम् कि सीमा तक परिलक्षित हुआ है। समाज के विभिन्न आयामों के संदर्भ में उनके विचारों का तथ्यात्मक पुस्तकीय तथ्यों एवम् साहित्यिक विषयवस्तु का विश्लेषण किया गया है। विश्लेषण के आधार पर प्राप्त निष्कर्ष दार्शनिक विचारधारा के रूप में उनके किसी राज्य की सत्ता प्राप्त करना ध्येय नहीं है। वे व्यक्तित्व का दुःख दर्द का निवारण करना और उसको बाँट सकू, की भावना से प्रेरित रहे। उसी के अनुरूप सामाजिक पुनरूत्थान के प्रयासों का समाज में जन-जन तक पहुंचाया।

Published

2006-2025

Issue

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Articles

How to Cite

भारतीय समाज के युग प्रवर्तक पं. मदनमोहन मालवीय जीः अन्वेष्णात्मक विश्लेषण. (2024). Leadership, Education, Personality: An Interdisciplinary Journal, ISSN: 2524-6178, 18(11), 597-602. https://doi.org/10.1366/bgpdfw53