ख्याल गायन शैली- एक विष्लेषणात्मक अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.1366/dhz5m754Abstract
बहुत प्राचीन समय से ही उत्तर भारत में कई विभिन्न गायन शैलियां प्रचलित रही है। जैसे ध्रुपद, धमार, इत्यादि, इन्हीं के समान ख्याल भी एक प्रकार की गायन शैली है।
‘ख्याल’ मुख्यत: फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है विचार या कल्पना। कुछ विद्वान इसका अर्थ सवेच्छाचार भी मानते है। संक्षेप में हम यह कह सकते है कि राग के नियमों का पालन करते हुए, अपनी इच्छा या कल्पना से विविध आलाप तानों का विस्तार करते हुए एवं रागों का स्वस्प स्थापित करते हुए, गाना ही ‘‘ख्याल’’ है। कल्पना का अधिक महत्व होने के कारण ही इसे ख्याल कहा जाता है।
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2006-2025
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Articles
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Copyright (c) 2021 Leadership, Education, Personality: An Interdisciplinary Journal, ISSN: 2524-6178How to Cite
ख्याल गायन शैली- एक विष्लेषणात्मक अध्ययन. (2024). Leadership, Education, Personality: An Interdisciplinary Journal, ISSN: 2524-6178, 16(12), 94-101. https://doi.org/10.1366/dhz5m754