सामाजिक परिवर्तन में स्वतन्त्रता आंदोलन का योगदान: एक अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.1366/v86dv592Abstract
1905 ई. में जापान जैसे एशिया के छोटे से देश ने रूस जैसे विशाल देश को पराजित करके एशियावासियों के संघर्ष में नया उत्साह प्रदान किया। इससे देश में राष्ट्रीयता, देशभक्ति और संघर्ष की भावना उद्दीप्त हुई। मिस्र, फारस और टर्की में स्वतन्त्रता संग्राम आरम्भ हो गया था तथा रूस में जार के आतंकवादी प्रशासन के विरुद्ध साम्यवादी आन्दोलन को सफलता मिली थी। मैजिनी, गैरीबाल्डी और कावूर, के प्रयास से इटली का एकीकरण सम्पन्न हुआ था। भारत में राष्ट्रभक्ति को जागृत करने के लिए लाला लाजपत राय जैसे भारतीय लेखकों द्वारा मैजिनी आदि पर पुस्तकें लिखी गई और जनता को सशस्त्र क्रान्ति की ओर उत्प्रेरित किया गया।