बालक बालिकाओं के संज्ञानात्मक विकास के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.1366/0m9mm593Abstract
मनोवैज्ञानिक बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के सन्दर्भ में नैसर्गिक नियमों यथा अनुवांशिकता तथा उससे सम्बन्धित विभिन्न नियमों का प्रतिपादन करते है एवम् उसके आधार पर संज्ञानात्मक विकास की व्याख्या करने का प्रयास करते हैं इसके विपरीत कुछ मनोवैज्ञानिक अनुवांशिकता एवम् उससे सम्बन्धित नियमों का विरोध करते है, मनोवैज्ञानिक तथा वातावरण एवं सांस्कृतिक कारकों को संज्ञानात्मक विकास के लिए उत्तरदायी मानते हैं इन मनोवैज्ञानिकों का मत है कि व्यक्ति अपने वातावरण अथवा परिवेश से सक्रिय अथवा निष्क्रिय रूप में अन्तःक्रिया कर संज्ञानात्मक व्यावहार को विकसित करता है।