जहाँगीर कालीन चित्रकला का प्रारम्भ तथा विकास

Authors

  • Happy Rai Khatri, Dr. Sudhi Gandhi Author

DOI:

https://doi.org/10.1366/7c12xe29

Abstract

जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त 1569 ई० को हुआ था। सन् 1605 में वह मुगल सल्तनत का उत्तराधिकारी नियुक्त हुआ था। इस समय में चित्रकला का विकास चरर्माेत्कर्ष पर पहुँचा, इसलिए इस समय को मुगल चित्रकला का स्वर्ण युग कहते हैं। जहाँगीर स्वयं उच्चकोटि का विद्वान एवं न्यायप्रिय शासक था। भारत में जिस मुगल शैली का आरम्भ अकबर के शासनकाल में हुआ, उसका सर्वांगीण विकास जहाँगीर के शासनकाल में उन्हीं चित्रकारों के द्वारा हुआ, जो अकबर की चित्रशाला में कार्य करते थे। जहाँगीर को अपने चित्र बनवाने का बहुत शौक था। रूपचित्र बनवाने का रिवाज अकबर के समय से प्रारम्भ हो चुका था. किन्तु निपुणता जहाँगीर के शासनकाल से ही मिली थी। जहाँगीर की व्यक्तिगत रुचि उसकी कलात्मक प्रवृत्ति का अनुमान उसके द्वारा रचे जाने वाले मुरक्का (एलबम) को देखकर ही लगाया जा सकता है। जिसमें वह अपने निजी चित्रों तथा सुलेखों को रखा करता था।बादशाह प्रायः चित्रकारों को यात्राओं और उत्सवों आदि के अवसर पर अपने साथ रखता था। जब शिकार पर जाता था तो भी चित्रकार साथ जाते थे और इन सब घटनाओं के चित्र बनवाने में अधिक रुचि लेते थे।

Published

2006-2025

Issue

Section

Articles

How to Cite

जहाँगीर कालीन चित्रकला का प्रारम्भ तथा विकास. (2025). Leadership, Education, Personality: An Interdisciplinary Journal, ISSN: 2524-6178, 18(12), 1650-1657. https://doi.org/10.1366/7c12xe29